जानिए क्या है  भारतीय नागरिकता संशोधन कानून 2019

 इस कानून के तहत, बाल्य उम्र से पहले जन्मे बच्चों के लिए भारतीय नागरिकता देने का मानदंड कम किया गया है।

इस कानून के तहत, आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों के अभाव में भी नागरिकता प्रमाणित की जा सकती है।

 इस कानून के अंतर्गत, शासन के द्वारा नागरिकता प्रमाणित करने के लिए निर्धारित समय को 6 से 12 साल तक बढ़ाया गया है।

इस कानून के अंतर्गत, अपनी नागरिकता को निरस्त करने के लिए शासन के द्वारा दी जाने वाली नोटिस की अवधि बढ़ाई गई है।

 इस कानून के तहत, शासन ने नागरिकता प्राप्त करने के लिए मूल निवासी का प्रमाण देने की ज़रूरत को भी कम किया है।

 इस कानून के अंतर्गत, भारतीय नागरिकों की शांति और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए उन्हें विशेष अधिकार दिए गए हैं।

इस कानून से, भारत में अपनी नागरिकता से जुड़े कई मुद्दों पर सुधार हुआ है जैसे कि नागरिकता से जुड़े विवादों को समय पर हल करने के लिए न्यायालयों को समय सीमा दी गई है।

इस कानून के तहत, देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों को नागरिकता के मामलों में समान अधिकार दिए गए हैं।

 इस कानून के अंतर्गत, भारतीय नागरिकों को अपनी नागरिकता से जुड़ी विवादों को हल करने के लिए अधिकार हैं।

इस कानून से, भारत के नागरिकों को अपनी नागरिकता से संबंधित अधिक जानकारी और सुविधाएं मिली हैं।