जानिए कैसे gofirst एयरलाइन्स दिवालिया हुई। 

COVID-19 महामारी: COVID-19 महामारी ने उड़ानों को लगभग एक साल के लिए बंद कर दिया था, जिसने उड़ान व्यवसाय को बहुत नुकसान पहुंचाया। GoAir भी इस विपदा का शिकार हुआ था और उसे इस संकट से निपटने के लिए धन की आवश्यकता थी।

आर्थिक मुश्किलें: उड़ान उद्योग में एक तीव्र रूप से उभरते प्रतिस्पर्धा के चलते एक लोअर कोस्ट एयरलाइन जीवित रहना बहुत मुश्किल होता है। 

बढ़ती दावेदारी: एयरलाइंस उद्योग में दावेदारी काफी तेज है और यह एक अधिक रुचिकर व्यवसाय नहीं है। 

उच्च संचार लागतें: एयरलाइंस उद्योग में संचार लागतें उच्च होती हैं, जो कि एयरलाइन के लिए बहुत खर्चीला साबित हो सकता है।

बढ़ती तेल कीमतें: उड़ान उद्योग में तेल की खपत बहुत ज्यादा होती है और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते एयरलाइंसों को इससे बहुत असर पड़ता है।

विवादित कर्मचारी मुद्दे: कुछ समय पहले, GoAir के कुछ कर्मचारी ने उसकी व्यवस्था में कुछ विवादित मुद्दों के साथ सम्बंधित अनुषंगिक आंदोलन किया था।

इंजन फेलियर :- गो फर्स्ट ने अपने विमानों की उड़ान को बंद करने की वजह अमेरिकी इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी की ओर से मिले इंजनों का नाकाम होना बताया है, कंपनी के मुताबिक़, इसके चलते एयरलाइन को नकदी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. 

इंजन के लिए एक कंपनी पर निर्भर रहना-गो फर्स्ट एयरलाइन के बेड़े में लगभग नब्बे प्रतिशत इंजन प्रैट एंड व्हिटनी के इंजन वाले ए320 नियो विमान हैं